कभी-कभी एक अच्छी योजना के लिए संसाधनों का जुगाड़ करने की सरकार की क्षमता उसके इरादे से तय होती है। तमिलनाडु सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को मुफ्त नाश्ते की योजना की शुरुआत स्कूली शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से दूरगामी नतीजे देने वाली नीतिगत पहल का एक नायाब उदाहरण है। जैसाकि इस योजना के शुभारंभ पर खुद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा, मुफ्त नाश्ते का प्रावधान कोई मुफ्त की रेवड़ी नहीं है बल्कि यह सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वह किसी भी बच्चे को भूखा न रहने दे। श्री स्टालिन ने अपने अल्फाजों और कार्यों को उस प्रगतिशील द्रविड़ मॉडल के आधार पर निर्धारित किया है, जो आबादी के सभी वर्गों के लिए समावेशी विकास का वादा करता है। विकास के इस नजरिए का एक अहम पहलू बच्चों का कल्याण है, जो स्कूलों में बच्चों को खाना खिलाने पर जोर देने के तमिलनाडु सरकार के फैसले की व्याख्या करता है। दिन के सबसे महत्वपूर्ण भोजन के रूप में रोजाना के नाश्ते के महत्व को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। दुनिया भर के विभिन्न अध्ययनों से यह साफ होता है कि नियमित रूप से नाश्ता करने से छात्रों पर सकारात्मक असर होता है। इससे उनकी ध्यान केंद्रित करने, सीखने और प्राप्त जानकारी को सकारात्मक रूप से जेहन में बनाए रखने की क्षमता को ताकत मिलती है। नियमित नाश्ता की आदत से न सिर्फ स्कूल की पढ़ाई के दौरान बच्चों के प्रदर्शन के साथ - साथ उनके व्यवहार एवं अनुभूति की क्षमता में सुधार होता है, बल्कि इसके जरिए उनकी आहार की गुणवत्ता, सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्तता, एनीमिया और कद एवं वजन से जुड़े पहलुओं का भी ध्यान रखा जाता है। यही नहीं, यह भविष्य में उनके शरीर द्रव्यमान सूचकांक या बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना यानी उनके शारीरिक डीलडौल को भी आकार देता है। राज्य सरकार ने स्कूली बच्चों को प्रतिदिन औसतन 293 कैलोरी और 9.85 ग्राम प्रोटीन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। स्कूलों में छात्रों को पहले से ही दिए जा रहे मध्याह्न भोजन (मिड–डे मील) में औसतन 553 कैलोरी और 18 ग्राम प्रोटीन होता है। इस तरह, स्कूल में आपूर्ति किए गए भोजन को ग्रहण करने वाले प्रत्येक छात्र को एक दिन में लगभग 846 कैलोरी और लगभग 28 ग्राम प्रोटीन मिलता है। केंद्र सरकार के मध्याह्न भोजन संबंधी दिशानिर्देशों में प्रतिदिन प्रति बच्चा 450-700 कैलोरी और 12-20 ग्राम प्रोटीन की मात्रा निर्धारित की गई है।
तमिलनाडु सरकार की नाश्ता योजना के लिए प्रस्तावित व्यंजन – सूची (मेन्यू) जहां स्थानीय व्यंजनों एवं सब्जियों से भरपूर आहार के साथ – साथ बच्चों की भूख, कैलोरी, ऊर्जा और सूक्ष्म पोषक तत्वों संबंधी जरूरतों का ध्यान रखेगी, वहीं इसमें स्वाद और गुणवत्ता के मापदंडों पर भी पर्याप्त ध्यान रखना होगा। पिछले कई दशकों से मध्याह्न भोजन योजना को संचालित करने के अपने अनुभवों से समृद्ध राज्य सरकार को किसी भी चूक और भूल, जिसमें चोरी, भोजन की खराब गुणवत्ता, धनराशि स्वीकृत करने में देरी और जाति संबंधी व्यवधान शामिल हैं, से बचना चाहिए। अतीत में जाति संबंधी व्यवधान मध्याह्न भोजन योजना की राह में रोड़ा रहा है। यह अच्छा होगा अगर अन्य राज्य सरकारें भी तमिलनाडु सरकार से प्रेरित होकर इस सराहनीय कदम का अनुसरण करें। तमिलनाडु सरकार ने बच्चों के विकास एवं विकास को सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र निर्माण के इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने के लिए धन का जुगाड़ करने के अपने पक्के इरादे की राह में राज्य की वित्तीय स्थिति को आड़े नहीं आने दिया है।
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Published - September 17, 2022 12:30 pm IST