मंगलवार को 18वीं लोकसभा के लिए मतदान के तीसरे चरण में, 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 93 सीटों पर 1300 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में थे। इस चरण के साथ ही, आधे से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में – 543 में से 283 सीटों पर – मतदान संपन्न हो गया। गुजरात के सूरत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुआ, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार समेत सभी विरोधियों ने संदिग्ध परिस्थितियों में नाम वापस ले लिया। आम चुनाव के आगामी चार चरण 13, 20 व 25 मई और 1 जून को होंगे। मतगणना 4 जून को होनी है। मंगलवार को जिन 93 सीटों के लिए वोट पड़े, 2019 में उनमें से 71 पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी, जबकि चार कांग्रेस की झोली में गयी थीं। गुजरात में, भाजपा ने बीते दो आम चुनावों में सभी 26 सीटें जीती थीं। जहां सबसे तगड़ी लड़ाई देखने को मिली उनमें से एक बारामती सीट थी, जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बुजुर्ग नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार (शरद पवार से अलग हुए उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी) के बीच मुकाबला था। पहले दो चरणों में 2019 के मुकाबले मतदान में गिरावट दर्ज की गयी थी, और विपक्ष ने समग्र आंकड़ों के प्रकाशन में चुनाव आयोग द्वारा असामान्य रूप से देरी किये जाने पर सवाल उठाये थे।
आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तलवारें खिंची हुई हैं और वे इस प्रक्रिया में संविधानवाद की अपनी-अपनी परस्पर विरोधी व्याख्याएं पेश कर रहे हैं। विपक्ष ने भाजपा पर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया है। साथ ही, उसने आरक्षण की 50 फीसदी की हदबंदी खत्म करने के लिए संविधान संशोधन की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिन्हें रक्षात्मक होने की आदत नहीं, ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर हिंदुओं के निचले वर्गों का आरक्षण मुसलमानों को देने की साजिश का आरोप लगाया है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों का निशाना हिंदुओं के निचले वर्गों को भाजपा के खिलाफ अपने पक्ष में एकजुट करने पर है, लेकिन भाजपा का फोकस मुसलमानों को लगातार निशाना बनाकर अपने हिंदू जनाधार को एकजुट करने पर है। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन अपराध के गंभीर आरोपों ने भाजपा को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है। देवगौड़ा का जनता दल (सेक्युलर) और भाजपा कर्नाटक में सहयोगी हैं जहां भाजपा ने 2019 में 28 में से 25 सीटें जीती थीं। जेडीएस के मौजूदा सांसद प्रज्वल के खिलाफ लगे आरोपों से इस पार्टी के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि राज्य की महिला मतदाता उसके पीछे एकजुट होंगी। किसी तरह की कोई प्रचंड लहर नजर नहीं आ रही है। और, मुख्य प्रतिद्वंद्वी अपने पक्ष में एक लहर पैदा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, जिसके लिए अक्सर ऐसे साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो नैतिक रूप से दुरुस्त नहीं हैं।