खोया हुआ रहस्य: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की कानूनी मुश्किलें

डोनाल्ड ट्रंप पर मुकदमा चलाने के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की कानूनी मुश्किलें एक झटका साबित हो सकती हैं

Updated - January 26, 2023 10:13 am IST

Published - January 24, 2023 12:11 pm IST

जब पिछले साल अगस्त में फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प के घर पर छापा मारा गया था और वहां सैकड़ों वर्गीकृत कागजात समेत हजारों सरकारी दस्तावेजों की तलाश की गई थी, तो उन्हें शायद ही इस बात का अंदाजा रहा होगा कि वह खुद भी इसी किस्म की एक मुश्किल परिस्थिति में घिर जायेंगे। फिर भी, श्री बाइडेन और व्हाइट हाउस ने अब तक वाशिंगटन स्थित एक वैचारिक संस्थान ‘पेन बाइडेन सेंटर फॉर डिप्लोमेसी एंड ग्लोबल एंगेजमेंट’ और डेलावेयर के विलमिंगटन में उनके घर के गैरेज एवं कई अन्य कमरों सहित विभिन्न स्थलों पर उनके अपने वकीलों द्वारा वर्गीकृत दस्तावेजों की खोज किए जाने पर संयत प्रतिक्रिया व्यक्त की है। निश्चित रूप से, इन मामलों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं जोकि संभावित रूप से दोनों वर्गीकृत लीक में से हरेक के अलग-अलग कानूनी नतीजों में दिखाई देंगे। पहला, ट्रम्प के छिपे भंडार में लगभग 300 चिन्हित वर्गीकृत या बेहद ही गोपनीय दस्तावेज और कई तस्वीरों सहित 11,000 से अधिक कागजात होने की सूचना है। जबकि, श्री बाइडेन से जुड़े कागजात कथित तौर पर 12 से कम हैं। दूसरा, श्री बाइडेन के वकीलों द्वारा पहली बार वैचारिक संस्थान की एक बंद कोठरी में वर्गीकृत फाइलों की खोज के बाद, उनकी टीम ने स्वेच्छा से राष्ट्रीय अभिलेखागार और न्याय विभाग को इसके बारे में सूचित किया और वे पूरी तरह से ‘जांच में सहयोग’ कर रहे हैं। श्री ट्रम्प के मामले में, अमेरिका के राष्ट्रीय अभिलेखागार ने वर्गीकृत रिकॉर्ड को गायब पाया और श्री ट्रम्प से उन्हें वापस करने का अनुरोध किया, जिसमें उनके विफल रहने के बाद मामले को एफबीआई को सौंप दिया गया। तीसरा, दोनों लीक की अलग-अलग जांच की जा रही है। न्याय विभाग जहां श्री ट्रम्प द्वारा इन दस्तावेजों को संभालने के तौर-तरीकों की एक आपराधिक मामले की तरह जांच कर रहा है, वहीं श्री बाइडेन के मामले में अब तक जानबूझकर ऐसा करने के किसी इरादे का कोई संकेत नहीं मिला है और वह एक मौजूदा राष्ट्रपति को आरोपित नहीं किए जा सकने के एक नियम से संरक्षित हैं।

फीसदी पर आ गई है जोकि राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सबसे कम है। राष्ट्रपति को इन मुश्किल सवालों का भी सामना करना पड़ रहा है कि दो नवंबर को वर्गीकृत कागजात की शुरुआती बरामदगी के बाद, उनकी टीम ने नौ नवंबर को हुए मध्यावधि चुनाव के बाद तक इस जानकारी को क्यों दबाए रखा। इसी तरह, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी की अगुवाई में रिपब्लिकन पार्टी ने बाइडेन के खिलाफ वर्गीकृत लीक मामले में कांग्रेस द्वारा जांच की मांग की है। जासूसी अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए श्री ट्रम्प पर मुकदमा चलाने के मामले में इस किस्म की तीखी प्रतिक्रिया एक झटका साबित हो सकती है, भले ही यह जाहिर हो रहा हो कि वह वर्गीकृत दस्तावेजों को उनके रखने के उपयुक्त स्थान से जानबूझकर ले गए और फिर उन्हें वापस करने के लिए कहे जाने पर संभावित रूप से न्यायिक प्रक्रिया में अड़ंगा लगाया

This editorial has been translated from English, which can be read here.

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