व्हिसिल-ब्लोअर वेबसाइट विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को ब्रिटेन में एक कानूनी राहत मिल गई है। उन्हें उस प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील करने की इजाजत मिल गई है, जिसके तहत कथित तौर पर सैन्य रहस्यों को लीक करने के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए उन्हें अमेरिका में स्थानांतरित किया जाएगा। यह फैसला मार्च में हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला सुनाये जाने के बाद आया कि अमेरिकी सरकार को इस बात के लिए आश्वस्त करने के वास्ते तीन हफ्ते का वक्त दिया जाएगा कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे को मुकदमे के दौरान अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करने वाले अमेरिकी संविधान के ‘फर्स्ट अमेंडमेंट’ पर भरोसा करने की इजाजत दी जाएगी; कि अमेरिकी अदालत में एक विदेशी नागरिक होने के नाते उनके साथ “मुकदमे में पक्षपात” नहीं किया जाएगा; और यह कि उनके मामले में मौत की सजा लागू नहीं की जायेगी। भले ही उनकी कानूनी टीम ने वाशिंगटन द्वारा दिए गए इस आश्वासन का विरोध नहीं किया कि यह एक “स्पष्ट कार्यकारी वादा” है कि उनके मामले में मौत की सजा से बचा जाएगा, लेकिन ब्रिटेन के न्यायाधीशों ने उनकी अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के संदर्भ में उनकी राष्ट्रीयता के प्रति पूर्वाग्रह के उनके तर्क को स्वीकार कर लिया। न्यायाधीशों ने यह रूख खासकर उस वक्त अपनाया जब “एक अमेरिकी अभियोजक ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों की बात आने पर फर्स्ट अमेंडमेंट विदेशियों पर लागू नहीं हो सकता है”। असांजे के पास अब अपनी अपील तैयार करने के लिए कुछ महीने होंगे।
असांजे के मामले में कई तथ्य सामने आए हैं। वह अप्रैल 2010 से वैश्विक सुर्खियों में तब छाए जब विकीलीक्स ने बगदाद में एक अमेरिकी हेलीकॉप्टर से हवाई हमले के लीक वीडियो प्रकाशित किए थे जिसमें आम नागरिक मारे गए थे। संस्थान ने उसके बाद अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्धों से संबंधित गुप्त सैन्य दस्तावेज तथा अमेरिकी राजनयिक मिशनों के गोपनीय संदेश प्रकाशित किए। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा 2019 में असांजे के खिलाफ लाए गए जासूसी अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करने के अमेरिकी आरोपों के संबंध में मुख्य विचार यह है कि श्री असांजे इक्वाडोर के दूतावास में सात साल छुपे रहे हैं और फिर उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की बेलमार्श जेल में पांच साल की एक लंबी कैद इस तथ्य के मद्देनजर काटी है कि अमेरिकी सरकार के सर्वर से विकीलीक्स को गोपनीय जानकारी प्रसारित करने वाले तत्कालीन अमेरिकी सैन्य विश्लेषक एवं व्हिसल-ब्लोअर चेल्सी मैनिंग को 2013 में 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और उसके बाद 2017 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस सजा को कम कर दिया था। जहां श्री असांजे के आलोचकों, जिनमें विशेष रूप से अमेरिकी सरकार भी शामिल है, का कहना है कि उन्होंने अपने व्यापक पैमाने के खुलासे में नामों को संशोधित नहीं किया है जिसके चलते वाशिंगटन को यह तर्क देने की गुंजाइश मिलती है कि उक्त खुलासों ने कई लोगों को “गंभीर नुकसान, यातना या यहां तक कि मौत के जोखिम” में डाल दिया है, वहीं इन दस्तावेजों के प्रकाशन ने मानवाधिकारों के उल्लंघन, मसलन युद्ध के दौरान नागरिकों को निशाना बनाने, के संबंध में गंभीर सवाल उठाए। इस अर्थ में श्री असांजे और विकीलीक्स ने विवेकपूर्ण की पत्रकारिता के समान एक सार्वजनिक सेवा की। और यह देखते हुए कि उन्हें पहले ही काफी सजा मिल चुकी है, उन्हें घर जाने की इजाजत दी जानी चाहिए।