क्विटो स्थित मेक्सिको के दूतावास में 5 अप्रैल को इक्वाडोर की छापामारी वियना समझौते (कन्वेंशन) का गंभीर उल्लंघन है। इस समझौते के आधार पर ही विभिन्न राष्ट्रों के दूतावास गैर मुल्कों में काम करते हैं। यह छापा पूर्व-उपराष्ट्रपति जॉर्ज डेविड ग्लास को गिरफ्तार करने के लिए था। वामपंथी और पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरिया के प्रशासन में उपराष्ट्रपति रहे ग्लास को सजा सुनायी जा चुकी है। अभी बेल्जियम में रह रहे श्री कोरिया भी भ्रष्टाचार के लिए दोषी करार दिये जा चुके हैं। श्री ग्लास और श्री कोरिया का कहना है कि उनके खिलाफ मामले राजनीति से प्रेरित हैं। लेकिन इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ के लिए, पूर्व उच्च-पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ ये मामले उनकी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का हिस्सा थे। नोबोआ के पद संभालने के एक महीने बाद, दिसंबर में क्विटो स्थित मेक्सिकन दूतावास में ग्लास के शरण लेने के पश्चात दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। पिछले हफ्ते, इक्वाडोर के 2023 के चुनाव के बारे में मेक्सिको के वामपंथी राष्ट्रपति अंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर की आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद, इक्वाडोर ने मेक्सिको की राजदूत रेकेल सेरोर स्मेके को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया। मेक्सिको ने श्री ग्लास को शरण देने का भी निर्णय लिया, जिससे इक्वाडोर खफा हो उठा। उसने इस निर्णय को इस आधार पर अवैध करार दिया कि ग्लास अपने देश में मुकदमों का सामना कर रहे हैं और कुछ ही देर बाद, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सशस्त्र पुलिस अधिकारियों को दूतावास भेज दिया। इस घटना ने बड़ा राजनयिक संकट खड़ा कर दिया। अपनी संप्रभुता का उल्लंघन किये जाने का आरोप लगाने वाले मेक्सिको ने नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इक्वाडोर को संयुक्त राष्ट्र से बाहर निकालने की मांग की है।
दूतावास पर छापामारी ऐसे समय में हुई है जब राष्ट्रपति नोबोआ बढ़ती गैंग हिंसा को लेकर अपने घर में काफी आलोचना का सामना कर रहे हैं। वह भ्रष्टाचार और गैंग हिंसा को नियंत्रण में लाने का वादा करके सत्ता में आये। पिछले साल का राष्ट्रपति चुनाव उस वक्त खतरनाक हिंसा से दागदार हो गया जब चुनाव प्रचार के दौरान क्विटो में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार फर्नांडो विलाविसेंसियो की हत्या कर दी गयी। श्री नोबोआ का कहना है कि वह गैंगों के खिलाफ लड़ने और इक्वाडोर के शहरों में व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन बढ़ती हिंसा (खासकर तटीय शहर ग्वायाकिल में, जिस पर गैंगों ने जनवरी में कब्जा कर लिया था) के बीच उनकी लोकप्रियता दर बहुत नीचे चली गयी है। इक्वाडोर में स्थिति इतनी खराब है कि ईस्टर सप्ताहांत के दौरान, 1.8 करोड़ लोगों के इस देश में 100 से ज्यादा हत्याएं हुईं। आलोचकों का कहना है कि श्री नोबोआ मेक्सिको के साथ राजनयिक संकट का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक संभावनाओं को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने असल संकट का समाधान किये बगैर बस एक और संकट को जन्म दिया है। इक्वाडोरवासी अगले हफ्ते उस जनमत संग्रह के लिए मतदान करने जा रहे है जो गैंग हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए सरकार को ज्यादा सुरक्षा शक्तियां प्रदान करेगा। सरकार को संगठित हिंसा के खिलाफ अपनी जंग में पूरी ताकत झोंकनी होगी, लेकिन यह काम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे के भीतर रहकर किया जाना चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ाई के नाम पर एक पड़ोसी मुल्क के दूतावास में घुसकर कानून को धता बताने से इक्वाडोर को अपने सामने मौजूद बेशुमार चुनौतियों से निपटने में कोई मदद नहीं मिलने वाली।
Published - April 15, 2024 10:20 am IST