कागजी तौर पर एशिया कप की मेजबानी कर रहे श्रीलंका का चैंपियनशिप जीतना उचित ही है। अलग बात है कि इस टूर्नामेंट का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में किया गया। इस द्वीप-राष्ट्र को खोखला कर देने वाले आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका को एशियाई देशों के इस टूर्नामेंट को संयुक्त अरब अमीरात में स्थानांतरित करना पड़ा, लेकिन रेगिस्तान की रेत में भी दासुन शानाका के खिलाड़ी घर की तरह निखरकर सामने आए। रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने पाकिस्तान के पक्ष में झुके पलड़े को धता बताते हुए 23 रनों से जीत हासिल की। जिस टूर्नामेंट में आम तौर पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों को जीत मिल रही थी, उसमें 58 रनों पर 5 विकेट खोकर श्रीलंका की पारी लड़खड़ा रही थी। उसके बाद चैंपियनशिप जीतने वाली इस टीम के भानुका राजापक्षे और वानिंदु हसरंगा ने मैदान पर डटकर 20 ओवर में स्कोर को छह विकेट पर 170 तक पहुंचा दिया। यह कोई मुश्किल लक्ष्य नहीं था, लेकिन फाइनल मुकाबले के दबाव के सामने पाकिस्तानी टीम श्रीलंका की चतुराई से पार नहीं पा सकी। तेज गेंदबाज प्रमोद मधुशन के चार विकेट और स्पिनर हसरंगा के हरफनमौला तीन विकेट वाले प्रदर्शन के बूते पाकिस्तान 147 पर ढेर हो गया। बाबर आजम की टीम के लिए यह निराशा की बात हो सकती है, लेकिन अंतिम मुकाबलों में पहुंची दोनों टीमों ने अपने-अपने प्रशंसकों को खास खुशी दी, इसमें कोई दो राय नहीं है। एक तरफ, जहां श्रीलंका अपने यहां आर्थिक चुनौतियों से उबरने की कोशिश कर रहा है, वहीं पाकिस्तान भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें लोगों की जिंदगी और अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। निश्चित रूप से क्रिकेट ने लोगों को थोड़ी राहत दी।
श्रीलंका ने जहां अफगानिस्तान के हाथों पहला मुकाबला हारने के बाद लंबी दूरी तय करते हुए खिताब जीता, वहीं भारत के लिए ठीक इसके उलट हुआ। शुरुआती मुकाबलों में रोहित शर्मा की टीम ने अपनी धौंस दिखाई, लेकिन सुपर-फोर मुकाबलों में भारत ने पाकिस्तान और श्रीलंका के सामने घुटने टेक दिए। भले ही अफगानिस्तान को भारत ने रौंद दिया हो, लेकिन भारत के लिए बाहर निकलने का दरवाजा पहले ही खुल चुका था। सात बार एशिया कप जीतने वाली टीम इंडिया के लिए यह टूर्नामेंट सबक भरा रहा। शीर्ष क्रम में रोहित, केएल राहुल और विराट कोहली की तिकड़ी को एक साथ रन उगलना होगा। भले ही अफगानिस्तान के खिलाफ शतक जड़कर कोहली ने अपने शतक का सूखा खत्म किया, लेकिन फॉर्म में उनकी वापसी भी प्रेस कांफ्रेंस में गुस्से भरे बयानों से लिपटी रही। वहां उन्होंने अपनी कप्तानी के आखिरी दिनों के बारे में बात की। कोहली का रन बनाना जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी यह है कि पूर्व कप्तान अपने अतीत को छोड़कर अब आगे बढ़ें। ऑस्ट्रेलिया में 16 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच होने वाले आईसीसी टी20 विश्वकप से पहले, पारंपरिक तौर पर वनडे टूर्नामेंट के तौर पर आयोजित होने वाले एशिया कप को टी20 में तब्दील करने वाले इस साल में यह देखना निराशाजनक है कि भारतीय टीम का अंतिम एकादश अब तक तय नहीं हो पाया है। इस शिखर आयोजन के लिए सोमवार को टीम की घोषणा हो गई और यह यह अच्छी बात है कि गेंदबाजी की कमान संभालने वाले जसप्रीत बुमराह चोट से उबरकर वापसी कर रहे हैं। वहीं, रवींद्र जडेजा विश्वकप से बाहर हो गए हैं। उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे पर, टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के दौरान, टीम प्रबंधन को अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी।
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