तीनों कोर्ट के माहिरः फ्रेंच ओपन

अल्कारेज ने खुद को टेनिस की नयी पीढ़ी के शीर्ष पर स्थापित कर लिया है

Published - June 11, 2024 09:49 am IST

टेनिस की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है विभिन्न सतहों पर उत्कृष्टता हासिल करना। घास, मिट्टी (क्ले) और ऐक्रेलिक कोर्ट के लिए अलग-अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। तीनों कोर्ट पर खेलने का हुनर रखने वाले खिलाड़ी यूं तो कई हैं, लेकिन महारत रखने वाले बहुत कम हैं। रविवार को अपने पहले फ्रेंच ओपन खिताब के साथ, कार्लोस अल्कारेज ऐसे महान लोगों के विशिष्ट समूह में शामिल होने की दिशा में बढ़ चले हैं। क्ले कोर्ट का यह ग्रैंड स्लैम इस 21 वर्षीय खिलाड़ी का तीसरा ग्रैंड स्लैम था। इससे पहले वह यूएस ओपन 2022 और विंबलडन 2023 जीत चुके हैं। इस तरह उन्होंने खुद को ‘ओपन युग’ (1968 से शुरू हुए) में हर तरह के कोर्ट में महारत दिखाने वाला सबसे कम उम्र का पुरुष बना लिया है। अल्कारेज को यह जीत बड़े अहम वक्त पर मिली है। लंबे समय से रोजर फेडरर, राफेल नडाल और नोवाक जोकोविच की मशहूर तिकड़ी के उत्तराधिकारी माने जा रहे अल्कारेज, हाल के महीनों में, उस मुताबिक नहीं दिख रहे थे। विंबलडन जीतने के बाद से, मार्च 2024 में इंडियन वेल्स उनकी इकलौती ट्रॉफी थी और इटली के जैनिक सिनर (ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन और विश्व के नंबर एक) के उदय का मतलब था कि मुकाबले में उनकी पीढ़ी का एक प्रतिद्वंद्वी आ चुका है। लंबे समय से चली आ रही फिटनेस की समस्याएं कमजोर करने वाली साबित हुईं। इनमें बांह की वह चोट भी शामिल है जिसने उनकी रोलैंड-गैरोस की तैयारी को बस एक टूर्नामेंट तक सीमित किया। लेकिन कठिन परिस्थितियों के बीच अपने प्रदर्शन (इसमें सेमीफाइनल और फाइनल शामिल हैं जहां वह सिनर और पुनरोदित अलेक्जेंडर ज्वेरेव के साथ एक के मुकाबले दो सेट से पीछे थे) के साथ, अल्कारेज ने अपनी असल काबिलियत दिखाने के लिए खेल के सबसे भव्य मंचों में से एक का चुनाव किया।

इगा स्विटेक को उपरोक्त स्पेनिश खिलाड़ी के तमाम मानकों की अभी बराबरी करनी है, लेकिन बीते दो हफ्तों में, इस 23 वर्षीय महिला खिलाड़ी ने दिखाया कि वह लाल बजरी पर बेजोड़ हैं। अप्रत्याशित रूप से फाइनल में पहुंचीं इटली की जैस्मिन पाओलिनी पर शनिवार की जीत के साथ, स्विटेक ने अपना लगातार तीसरा फ्रेंच ओपन खिताब, पेरिस में चौथा और कुल मिलाकर पांचवां ग्रैंड स्लैम हासिल किया। स्विटेक के दबदबे को सबसे अच्छी तरह से यह तथ्य दिखाता है कि उन्होंने अब तक रोलां-गैरो के केवल छह एकल मेन ड्रॉ में प्रवेश किया है और उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 35-2 का है और उन्होंने अपनी चार खिताबी दौड़ों में केवल तीन सेट गंवाये हैं। चार बार की ग्रैंड स्लैम विजेता नाओमी ओसाका दूसरे राउंड में स्विटेक का सफर खत्म करने के करीब पहुंच गयी थीं, लेकिन पोलिश खिलाड़ी ने इस तूफान का सामना करने और संदेह को खुद पर हावी नहीं होने देने के लिए अत्यधिक मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया। उनका पखवाड़ा इतना बढ़िया था कि उनकी तुलना नडाल के शुरुआती वर्षों से शुरू हो गई। हालांकि नडाल के 14 फ्रेंच ओपन खिताब तक पहुंचना नामुमकिन हो सकता है, लेकिन 22 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता (जिसे स्विटेक अपना आदर्श मानती हैं) की तरह, स्विटेक यकीनन अपनी कामयाबी को क्ले कोर्ट से परे विस्तार दे सकती हैं। वह हार्ड कोर्ट की माहिर हैं और अप्रैल 2022 से विश्व की नंबर एक रैंक पर रही हैं, सिवाय 2023 के आखिर के आठ हफ्तों को छोड़कर जब एरिना सबालेंका ने राज किया। घास पर सफलता का अभाव (विंबलडन 2023 में क्वार्टर फाइनल उनका श्रेष्ठतम प्रयास रहा है) स्विटेक के लिए परेशानी का सबब रहा है और उनके पास तीन हफ्तों में इसे ठीक करने का एक सुनहरा मौका है।

0 / 0
Sign in to unlock member-only benefits!
  • Access 10 free stories every month
  • Save stories to read later
  • Access to comment on every story
  • Sign-up/manage your newsletter subscriptions with a single click
  • Get notified by email for early access to discounts & offers on our products
Sign in

Comments

Comments have to be in English, and in full sentences. They cannot be abusive or personal. Please abide by our community guidelines for posting your comments.

We have migrated to a new commenting platform. If you are already a registered user of The Hindu and logged in, you may continue to engage with our articles. If you do not have an account please register and login to post comments. Users can access their older comments by logging into their accounts on Vuukle.