युद्ध की हदें : पश्चिम एशिया के हालात

ईरान को इजराइल को युद्ध को फैलाने का बहाना नहीं देना चाहिए

Published - October 01, 2024 10:13 am IST

पिछले 7 अक्टूबर, 2023 को पश्चिम एशिया में युद्ध छिड़ने के बाद से हिज्बुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह की हत्या इजराइल द्वारा की गई सबसे ज्यादा खतरनाक नतीजे वाली हरकतों में से एक है। नसरल्लाह की तीन दशक लंबी अगुवाई में लेबनान में एक समानांतर राज्य के रूप में उभरे हिज्बुल्लाह को इजराइलियों ने अपने सबसे ताकतवर गैर-राज्य दुश्मन के रूप में देखा है। अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी समूह के रूप में देखा जाने वाला, यह संगठन ईरान के “प्रतिरोध की धुरी” में एक केंद्रीय घटक भी है, जिसके जरिए ईरान इस पूरे इलाके में अपना प्रभाव जमाता है। नसरल्लाह को मारकर, इजराइल ने हिज्बुल्लाह को भारी झटका दिया है और ईरान के प्रभाव को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, लेकिन उसके सीमा पार हमलों ने हजारों लोगों को मार डाला है और विस्थापित कर दिया है और ईरान की सबसे चमकदार लाल रेखाओं को लांघ दिया है। यह क्षेत्र इजराइल और ईरान के बीच एक खुले युद्ध के इतने करीब कभी नहीं रहा। जब 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा पर अपना जवाबी युद्ध शुरू किया, तो नसरल्ला ने उत्तरी इजराइल में रॉकेट दागकर दूसरा मोर्चा खोल दिया। जब गाजा के खिलाफ युद्ध में हजारों फिलिस्तीनी मारे जा रहे थे, तब वह इजराइली रक्षा बलों पर कुछ सैन्य दबाव बनाए रखना चाहता था। जब इज़राइल का ध्यान गाजा पर था, तो उसने हिज्बुल्लाह के रॉकेटों के जवाब में सीमित गोलाबारी ही की। लेकिन गाजा के अधिकांश हिस्से को नष्ट करने के बाद, इजराइल ने अपना ध्यान लेबनान की ओर मोड़ दिया और फिर नाटकीय ढंग से संघर्ष को बढ़ाते हुए हिज्बुल्लाह के जमीनी स्तर के पदाधिकारियों, उसके कमांडरों और फिर नसरल्लाह को निशाना बनाया।

उत्तर में इज़राइल का घोषित मकसद हिज्बुल्लाह के रॉकेटों से विस्थापित हुए 60,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों में लौटने में समर्थ बनाना है। उसके हमलों ने हिज्बुल्लाह को कमजोर तो कर दिया है, लेकिन उसकी मिसाइल क्षमताओं को नष्ट नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि इजराइल हिज्बुल्लाह को लितानी नदी के उत्तर में धकेलने और सीमा पर एक बफर बनाने की कोशिश में लेबनान में जमीनी हमले शुरू कर सकता है। जमीनी हमलों से गहरे आर्थिक संकट से जूझते लेबनान में हजारों लोग विस्थापित होंगे और मारे जायेंगे। गाजा के खिलाफ इजराइल का हमला हमास को नष्ट करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के अपने घोषित मकसदों को अभी तक हासिल नहीं कर पाया है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इजराइल लेबनान में अपने मकसदों को जल्दी पूरा कर लेगा। लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस संकट को इजराइल के लिए अपने गैर-राज्य प्रतिद्वंद्वियों को नीचा दिखाने के एक मौके के तौर पर देखते हैं, यहां तक ​​​​कि ईरान के साथ एक पूर्ण युद्ध शुरू करने की कीमत पर भी। अमेरिका सार्वजनिक रूप से गाजा और लेबनान में युद्धविराम का आह्वान तो करता है, लेकिन इन जुबानी जमा खर्च का कोई महत्व नहीं है क्योंकि बाइडेन प्रशासन इजराइल को हथियार देना जारी रखे हुए है। बार-बार उकसाने और कोने में धकेले जाने के बाद भी ईरान ने अब तक अपेक्षाकृत संयम बरता है, जबकि इजराइल खून का प्यासा हो उठा है। नसरल्लाह की हत्या का जवाब ताकत से देने के लिए ईरान को लुभाया जा सकता है। लेकिन तेहरान को श्री नेतन्याहू को वह नहीं देना चाहिए जो वह चाहते हैं - पश्चिम एशिया में एक व्यापक युद्ध छेड़ने का बहाना।

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